जयपुर. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और डिप्टी सीएम सचिन पायलट के कड़ी आपत्ति के बाद बिना चुनाव लड़े मेयर बनाने के फैसले को प्रदेश सरकार को वापस लेना पड़ सकता हैं। राजस्थान कांग्रेस और सरकार के बीच बढ़ते विवाद को देखते हुए कांग्रेस नेतृत्व ने इस मामले में हस्तक्षेप किया है। इस मामले में कांग्रेस नेतृत्व ने प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे से पूरे घटनाक्रम की रिपोर्ट तलब की है। इस रिपोर्ट तलब करने के तुरंत बाद ही पांडे ने यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल को कहा है कि वे तुरंत प्रभाव से सीएम अशोक गहलोत और डिप्टी सीएम सचिन पायलट से मिलकर विवाद का निपटारा करें। मेयर चुनाव को लेकर जो आपत्तिजनक प्रावधान किए गए हैं, उन्हें भी हटाए, जिससे देश में कांग्रेस की छवि खराब
न होने पाए।
गौरतलब है कि नवंबर में होने वाले नगर निकाय चुनाव को लेकर राज्य सरकार ने ऐसी अधिसूचना जारी की, जिसके जरिए किसी भी व्यक्ति को बिना चुनाव लड़े ही मेयर बनाया जा सकता हैं। कैबिनेट में बिना चर्चा के ही यह अधिसूचना जारी कर दी गई, जिसका कैबिनेट मंत्री रमेश मीणा और प्रताप सिंह खाचरियावास ने विरोध किया। उसके अगले ही दिन डिप्टी सीएम और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट ने ऐसी अधिसचूना जारी करने पर न केवल कड़ी आपत्ति जताई बल्कि यहां तक कह दिया कि ऐसे फैसले से हार्स ट्रेडिंग बढ़ेगी। साथ ही कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों में निराशा हो रही है। लगातार बढ़ते विवाद को देखते हुए कांग्रेस आलाकमान ने पूरी रिपोर्ट प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे से तलब की। इसके बाद पांडे ने यूडीएच मंत्री धारीवाल को उक्त निर्देश दिया हैं, जिससे विवाद को खत्म किया जा सके।
अविनाश पांड ने कहा कि मैंने यूडीएच मंत्री को इस विवाद को निस्तारण करने के लिए कहा है। इसके लिए वह सीएम और डिप्टी सीएम से मिले। यदि कोई आपत्ति जनक प्रावधान है तो उसे हटा दें। यह मैं आला कमान के निर्देश के बाद ही कहा है।